अधूरी है
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(लक्ष्य “अंदाज़”)
प्यार की कहानी
अधूरी है, और
सारे किरदार
बेदर्द हैं ,बेरहम हैं
डरी हुई शाम ने
सहमते हुए पूछा
किधर जाना है
देख उस ‘शहरे-जानां’ में
वफ़ा के चलन कम हैं
और “अंदाज़” तुम्हारे गाँव में
अब गम ही गम हैं !
कोई राज़ नहीं
किस्सा ये
सरे आम हुआ जाता है
दश्त से सहरा के बीच
बदलियों के मौसम
कितने कम हैं
और “अंदाज़” तुम्हारे गाँव में
अब गम ही गम हैं !
……©2014 “ANDAZ-E-BYAAN” Dr.LK SHARMA
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