Wednesday, 4 March 2015

अधूरी है

अधूरी है

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(लक्ष्य अंदाज़”)

प्यार की कहानी 

अधूरी है, और 

सारे किरदार 

बेदर्द हैं ,बेरहम हैं 

डरी हुई शाम ने 

सहमते हुए पूछा 

किधर जाना है 

देख उस शहरे-जानांमें 

वफ़ा के चलन कम हैं 

और अंदाज़तुम्हारे गाँव में 

अब गम ही गम हैं !

कोई राज़ नहीं 

किस्सा ये 

सरे आम हुआ जाता है 

दश्त से सहरा के बीच 

बदलियों के मौसम 

कितने कम हैं 

और अंदाज़तुम्हारे गाँव में 

अब गम ही गम हैं !



……©2014 “ANDAZ-E-BYAAN” Dr.LK SHARMA


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