Wednesday, 4 March 2015

कच्ची नीम की निम्बोली

कच्ची नीम की निम्बोली 
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( डॉ.एल.के.शर्मा )

कच्ची नीम की निम्बोली....... 
बेवक्त की बारिशों में
मन कुछ यूँ भीगा 
समंदर ने रेत से कहा 
चलो खेलें आँख-मिचौली !!

नेह बरसाते झरनों ने 
सूखने से पहले प्यार की 
वादियों में बो दी रंगोली !!

मुस्कान से भरे फूलों को 
खुश रंगों में सजाते रहे 
सूनी आँखों के बीहड़ 
वीरानों ने फिर से देखी 
सूरजमुखी दुल्हन की 
अनुराग भरी डोली !!

पंछियों के कलरव भरी भोर में 
नाचने लगे मोर 
हरे भरे खेतों में 
दर्द के गीतों से, प्रेम कवितायें 
करने लगीं ठिठोली !!

गीली मेहँदी से भरे हाथ
कटे कलेजे से जा मिले 
रूह की प्यास देखने लगी 
तराशे हुए जिस्म के घड़े में 
उछलती बूंदों की होली !!

बेवक्त की बारिशों में 
अचानक पछुआ ने डंक मारा 
मांगे हुए बन्दनवार सूख गए 
अखंडित विश्वास डोलने लगा 
सूनी डगर खडी रही 
बन कर पीर अबोली !!

बेवक्त की बारिशों में
बेलीके फूलों के गालों पर 
अलकनंदा से बल खाते बालों पर 
लाल मूंगे से सजे हालों पर 
दर्द के गुलाल उड़ाते बादलों पर 
चढ़ाई जा चुकी थी 
छलनाओं की खोली 
प्रीतविखंडित छंदों में 
पैठ गयी वंचनाओं की बोली !!

बेवक्त की बारिशों में
कहीं दूर एक पागल 
छोटी सी लड़की 
गाती रही........ 
कच्ची नीम की निम्बोली !!
सावन जल्दी अइयो रे
कच्ची नीम की निम्बोली......


……© 2013 “कच्ची नीम की निम्बोलीDr.LK SHARMA



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