तेरी राहों से मैं....
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तेरी राहों से मैं ,
चल पड़ा हूँ मगर
याद आओगे तुम ,ये
मुझे है खबर !!
जीना होगा यूँ ही ,दूर तुमसे मगर
रोता रह जाऊँगा, बस मैं उम्र भर !!
मेरी यादें ,तुम्हें
जब भी आने लगें
और रातों की नींदे
उड़ाने लगें !!
एक आँसू बन कर छलक जाऊँगा
मैं रुकूँगा नहीं आँख में पल भर !!
तेरी राहों से मैं ,
चल पड़ा हूँ मगर .....
तुम नदी सी बही मैं
किनारा बना
चाँद तुम थीं मैं
टूटा सितारा बना !!
मेरे माजी ने यूँ मुझको मारा मगर
तुमको चाहा है मैंने, बहुत टूटकर
!!
तेरी राहों से मैं ,
चल पड़ा हूँ मगर .....
मुझको पूजा की थाली
में पाओगी तुम
दीप जब भी नया इक
जलाओगी तुम !!
तुम को शुभ हो तुम्हारा सिन्दूरी सफ़र
धूप सा मैं जलूँगा यूँ शामो-सहर
!!
तेरी राहों से मैं ,
चल पड़ा हूँ मगर ....
याद आओगे तुम ,ये
मुझे है खबर ......
(डॉ.एल.के.शर्मा)
. ……© 2015 Dr.L.K. SHARMA
. ……© 2015 Dr.L.K. SHARMA
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