सोचो, सुदेष्णा दृश्य यूँ भी बदलते हैं
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असंख्य शंख
मालिका
पीत चित्र तालिका
!!
रास राग गुनती हो
सुर की संचालिका
!!
उद्दीपिनी संदीपिनी
दैदीप्य सी
दामिनी !!
सौष्ठवी तुम
सुन्दरी
मृदुल सुहासिनी
!!
दिव्यका देबांगी
शुभ्रा शुभांगी
बज्र कठोर मन
कमला कोमलांगी !!
भावातीत साधिके
श्लोक शंख
ध्वनिके !!
चंडिका प्रचंड सी
श्यामल देवी
कालिके !!
द्वापर से जोहती
हो
कौन श्याम राधिके
!!
कटारधार आँख से
मर्म मर्म बेधती
!!
कहो , तुम कौन हो
जन्मों से मौन हो
झील के पानियों में
हंसिनी सी तैरती !!
……©2015 “कहो ना कंतुश” Dr.L.K.SHARMA
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