भारतीय वायु सेना के कैडेट्स के लिए
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आव्हान कर रही भारती !
आव्हान कर रही भारती !!
नभ को जो गौरव से छू ले
ऐसी वीर धरोहर का
यश गान कर रही भारती !!
मेघदूत से सुंदर चेहरे
पवन पुत्र सा बल ज्ञान लिए !!
रण में जान गँवा देते हैं
क्षण में जान गँवा देते हैं
मन में माँ का ध्यान लिए !!
इन पर अपनी आशीषें
कुर्बान कर रही भारती !!
ऐसी वीर धरोहर का
यश गान कर रही भारती !!
दिल हिमगिरी का दहल उठा
जब नभ से प्रचंड प्रहार हुए !!
द्रास कारगिल की कथा पलट गई
जब शत्रु इन से दो चार हुए !!
इन के दम पर मात्रभूमि को
शत्रु-शीश दान कर रही भारती
ऐसी वीर धरोहर का
यश गान कर रही भारती !!
वर्ष 71 ,जब थार के आकाश से
इन नभ दूतों ने हुंकार भरी !!
दिल्ली लेने आए वो बंगला हार चले
जेट में जाबांजों ने उड़ान भरी !!
इन रखवालों की छाँव में
इन नभ वालों की छाँव में
अभय विहान कर रही भारती !!
ऐसी वीर धरोहर का
यश गान कर रही भारती !!
तुमको हमने रक्त से सींचा है
उस आँगन का पहला फूल हो तुम !!
सुखोई खिलौना अब आकाश तुम्हारा आँगन है
दुश्मन को भीषण शूल हो तुम !!
यह क्षण गौरव का तुमने दिया
हमारा सम्मान कर रही भारती !!
ऐसी वीर धरोहर का
यश गान कर रही भारती !!
आशीष वंदना के पंखों से
तुमको आसमान कर रही भारती !!
ऐसी वीर धरोहर का
यश गान कर रही भारती !!
(डॉ.एल.के.शर्मा)
……© 2015 Dr.L.K. SHARMA
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